Home CITY NEWS निरीक्षण में अनुपस्थित: मनमानी करने वाले अधीक्षक को किया निलंबित

निरीक्षण में अनुपस्थित: मनमानी करने वाले अधीक्षक को किया निलंबित


अधीक्षक पत्नी अधीक्षिका पर भी भ्रष्टाचार के आरोप, अभी तक नहीं की कार्रवाई


छिंदवाड़ा। आदिवासी बालक छात्रावास के अधीक्षक कैलाश सूर्यवंशी को काम में लापरवाही और निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए जाने पर कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। इस दौरान उन्हें जुन्नारदेव में अटैचमेंट किया गया है। बताया जा रहा है कि यह अधीक्षक अपनी मनमारी को लेकर चर्चा में रहते थे। वही इनकी पत्नी शक्ति सूर्यवंशी भी भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में रही है। इन्होंने बैंक खाते से फर्जी हस्ताक्षकर कर लाखों रूपए की राशि का आहरण किया था।
बता दें कि आदिवासी बालक छात्रावास सुरलाखापा की नियुक्ति पीएम जनमन योजना अंतर्गत समस्त प्रकार की जानकारी संकलित किए जाने के लिए रजिस्टर संधारित कर जानकारी वरिष्ट कार्यालय को प्रेषित किए जाने के लिए ग्राम प्रभारी के रूप में ग्राम चिलक विकासखंड हर्रई में लगाई गई है। कैलाश सूर्यवंशी 13 अक्टूबर को अद्योहस्ताक्षरकर्ता एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी हर्रई के संयुक्त निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए। साथ ही कैलाश सूर्यवंशी के द्वारा ग्राम रजिस्टर का संधारण नहीं किया गया। जिससे पीएम जनमन योजनाओं के संपूर्ण जानकारी का रिकार्ड नहीं मिला है। कलेक्टर के आदेश 12 अक्टूबर के द्वारा पीएम जनमन योजनाओं से जुड़े जिले के समस्त विभागों के अधिकारियो एवं कर्मचारियों के सभी प्रकार के अवकाश एवं मुख्यालय छोडऩे पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिसके पश्चात भी कैलाश सूर्यवंशी 13 अक्टूबर को ग्राम सर्वे कार्य से अनुपस्थित पाए गए थे। अधीक्षक ने ग्राम रजिस्टर का संधाारण नहीं किया गया। जिससे पीएम जनमन योजना का लक्ष्य अपूर्ण है। अधीक्षक का कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1965 के विरूद्ध होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है। जो दायित्वों के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करता है। इसलिए कैलाश सूर्यवंशी अधीक्षक (मूलपद सहायक शिक्षक) आदिवासी बालक छात्रावास सुरलाखापा को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के उपनियम (2) में दिए गए प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान अधीक्षक को मुख्यालय विकासखंड जुन्नारदेव अटैच किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें मूलपद सहायक शिक्षक को नियमानुसार निलंबन भत्ते की पात्रता होगी।


जांच में उजागर हो सकता है गबन


अधीक्षक कैलाश सूर्यवंशी मनमानी को लेकर काफी चर्चा में रहे है। इनके द्वारा छात्रावास में काफी अनियमितताएं वरती गई है। यदि इस मामले की जांच की जाए तो लाखों रूपए के भ्रष्टाचार उजागर हो सकते है। इनकी एक और खास बात यह है कि ये कभी छात्रावास में नहीं रूकते थे। छात्रावास भगवान भरोसे चलता था।


इनकी पत्नी ने भी किया था भ्रष्टाचार


अधीक्षक श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी भी भ्रष्टाचार को लेकर काफी चर्चा में रही है। इन्होंने सौर्य पैनल मद की 2 लाख 43 हजार की राशि का गबन किया है। इस राशि को आहरण करने में इन्होंने फर्जी हस्ताक्षर किए थे। जबकि बैंक खाता संबंधित शिक्षक के नाम से ट्रांसफर हो चुका था। इसके बाद भी आज तक संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है।


सफेदपोश नेताओं का संरक्षण


बता दें कि अधीक्षक कैलाश सूर्यवंशी और शक्ति सूर्यवंशी की दबंग अधीक्षकों में गिनती होती है। स्थानीय अधिकारियों से लेकर मुख्यालय तक इनकी खासी पकड़ है। इन दोनों अधीक्षक पर सफेदपोश नेताओं का आशीर्वाद बना हुआ है। जो समय समय पर उन्हें भोग लगाते रहते है। इसलिए अधिकारी भी इन पर कार्रवाई करने से कतराते है।