प्रोत्साहन राशि जारी करने के एवज में मांगी थी रिश्वत, आवेदक की शिकायत पर कार्रवाई
छिन्दवाडा रिश्वतखोर और भृष्ट अधिकारियों- कर्मचारियों का गढ़ बनता जा रहा है। दस दिन पहले ही लोकायुक्त ने यहां छिन्दवाडा तहसील में एक पटवारी को 35 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। मंगलवार को फिर लोकायुक्त ने पशु चिकित्सा विभाग के एक डॉक्टर को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया है। रिश्वत खोर डाक्टर योगेश पिता शिवराम सेमिल उम्र 35 साल पशु चिकित्सा अधिकारी पशु चिकित्सालय जुन्नारदेव के दातलावाड़ी में पदस्थ है। डॉक्टर के समक्ष आवेदक सुरेश यदुवंशी पिता दुलीराम यदुवंशी उम्र 39 साल गौ सेवक जमकुंडा तहसील जुन्नारदेव का रहने वाला है। उसने 45 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि के भुगतान का आवेदन पेश किया था। गौ – सेवक को शासन ने कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में कार्य के एवज में 45 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की थी।
इस राशि के भुगतान के लिए डॉक्टर ने कमीशन के तौर 25 हजार रिश्वत मांगी थी। आवेदक के बार-बार निवेदन के बाद भी डाक्टर राशि भुगतान को तैयार नहीं हुआ। तब आवेदक ने मय प्रमाण के लोकायुक्त में शिकायत की थी।
लोकायुक्त ने इस रिश्वतखोर डाक्टर को रंगे हाथों ट्रेप करने का जाल बुना। आज लोकायुक्त ने आवेदक को 20 हजार रुपए देकर डाक्टर के कार्यालय दातलावाड़ी भेजा था। यहां जैसे ही आवेदक ने डाक्टर को 20 हजार रुपए दिए।लोकायुक्त के दल ने डॉक्टर को रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद उसके खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है। इस मामले की सूचना सम्बंधित कार्यालय में दे दी गई है। इंस्पेक्टर कमल सिंह उइके ने बताया कि पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर योगेश कुमार सेमिल को उनके ही कार्यालय में गौ – सेवक सुरेश यदुवंशी को 45 हजार की प्रोत्साहन राशि भुगतान के एवज में 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है।
इन्होंने की कार्रवाई
कार्रवाई में जबलपुर से लोकायुक्त पुलिस इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके, इंस्पेक्टर मंजू किरण तिर्की, इंस्पेक्टर नरेश बेहरा सहित अन्य 5 सदस्य शामिल है।