Home CITY NEWS निस्तारी तालाब: निमार्ण के दो महीने में ही खाली हो गया तालाब

निस्तारी तालाब: निमार्ण के दो महीने में ही खाली हो गया तालाब


घटिया निर्माण से पानी रिसाव के कारण हुआ तालाब खाली, अधिकारी ने कहा होगी कार्रवाई


छिंदवाड़ा।परासिया जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बागबर्धिया में तालाब बनने के दो महीने बाद घटिया निर्माण की भेंट चढ़ गया। तालाब पूरी तरह खाली हो गया। हालात यह है कि ग्रामीणों के लिए आने वाली गर्मी में निस्तार के लिए पानी नहीं बचा है। बताया जा रहा है कि निर्माण के दौरान तालाब की बंड बह गई थी। जिससे तालाब आधा से अधिक खाली हो गया था। आनन-फानन में पंचायत सचिव, सरपंच और जनपद अधिकारियों ने तालाब की रिपेरिंग करवाई। जैसे तैसे थोड़ा बहुत पानी उसमें भरा। बंड लीकेज होने के कारण पानी तालाब में थम नहीं पा रहा है। धीरे-धीरे पूरा तालाब खाली हो गया। अब ग्रामीणों के सामने आने वाली गर्मी में निस्तारी पानी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में मवेशियों और ग्रामीणों को निस्तारी पानी कहां से मिलेगा। जबकि गर्मी में यहां पानी के लिए भारी समस्या रहती है। इसलिए शासन ने यहां निस्तारी तालाब का निर्माण करवाया था।
बता दें कि दो साले पूर्व निस्तारी तालाब निर्माण के लिए 19 लाख 37 हजार पंचायत को दिए गए थे। निर्माण एजेंसी भी पंचायत थी। मनरेगा के तहत इस तालाब का निर्माण करवाना था, लेकिन पंचायत सचिव ने अपने परिवार और रिश्तेदारों और गांव के बाहर के लोगों को मनरेगा में फर्जी मस्टर रोल भर लाखों रूपए का फर्जीवाड़ा कर मजदूरी निकाल ली। वही जेसीबी मशीन से तालाब का निर्माण करवा दिया। तालाब में बंड, बोल्डर टो, घटिया पिचिंग और घटिया वेस्टवेयर के कारण तालाब का पानी का रिसाव नहीं रूक पा रहा था। आखिरकार दो महीने में पूरा पानी बह गया। इस मामले में जनपद से लेकर जिला पंचायत और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई। शिकायत के बाद भी तालाब का कोई निराकरण नहीं हुआ। उल्टा सचिव ने शिकायत कर्ता को मृत घोषित कर सीएम हेल्पलाइन की शिकायत बंद करवा दी। इस तरह सचिव कृष्णा नागवंशी ने अधिकारियों की सांठ-गांठ से घटिया तालाब निर्माण को अंजाम दिया। तालाब की राशि की बंदर बांट हो गई। सचिव ने इस मामले बात की गई तो उन्होंने हंसते हुए टाल दिया। बोले थोड़ा बहुत पानी बचा है। इस बात से जाहिर होता है कि तालाब घटिया निर्माण कराया गया है।


न्यायालय की शरण में पहुंचा शिकायत कर्ता


घटिया तालाब निर्माण में शिकातय को बंद करने के लिए सचिव कृष्णा नागवंशी ने शिकायत कर्ता कैलाश राठौर को सडक़ हादसे में मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाली राशि भी निकाल ली। जबकि शिकायत कर्ता जिंदा है। जब उसे इस बात का पता चला तो उसने अधिकारियों से शिकायत की। अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी। अब उसने अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए न्यायालय की शरण ली है।


जनपद सीईओ लगा रही आरोप


शिकायत कर्ता कैलाश राठौर ने घटिया तालाब निमार्ण के मामले की जनसुनवाई से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की है। शिकायत कार्त की शिकायत से अधिकारी और सचिव परेशान हो गए है। शिकायत के बाद उन्होंने शिकायत कर्ता पर घिसा पिटा पैसे मांगने का आरोप लगा दिया। इसके बाद जनपद स्तर पर इस मामले की जांच नहीं की गई। जबकि शिकायत कर्ता का कहना है यह मामला गांव के सैकड़ों लोगों और मवेशियों से जुड़ा है। मैने इस मामले में कभी पैसों की कोई मांग नहीं की। मुझ पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है।


एक साल में बन जाना था तालाब


शिकायत कर्ता कैलाश राठौर ने बताया कि तालाब निर्माण की अवधि एक साल की थी, लेकिन पंचायत ने दो साल में तालाब का निर्माण करवाया। तालाब निर्माण की अधिकांश राशि निर्माण होने के पहले निकाल ली गई थी। इस तरह तालाब निर्माण में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। इतना ही नहीं घटिया निर्माण कार्य करवाया गया। जिसका उदाहरण आपके सब के सामने है।

इनका कहना है…


इस मामले में जांच ठीम गठित कर पूरे मामले की जांच की जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अग्रिम कुमार, जिला पंचायत अधिकारी