कानून व्यवस्था को सुधारने की चर्चा, सांसद और पत्रकार रहे मौजूद
छिंदवाड़ा। जिले में सट्टा, जुआ, शराब, तस्करी और अन्य अपराधों के आरोपी पकड़े जाते है, लेकिन पुलिस सरगना तक नहीं पहुंच पाती। अधिकांश मामले में सिर्फ पुलिस आरोपी तक ही सीमित रहती है। इस बात पर एसपी मनीष खत्री कुछ नहीं बोल पाए, न ही कोई सफाई दे पाए। यह सवाल समीक्षा बैठक में एक पत्रकारों ने किया। वही जिले के सांसद विवेक बंटी साहू ने स्पष्ट शब्दों में कहा है जिले में नहीं चलेगा अपराध, अपराधियों पर दिखाएं शक्ति। उन्होंने यातायात व्यवस्था जिले में अवैध कारोबार, आसामाजिक तत्वों, दुर्घटनाएं और प्रताडऩा से संबंधित अपरोधों को लेकर चिंता व्यक्त की है। समीक्षा बैठक में पत्रकारों ने एक के बाद एक सवाल दागे। समीक्षा बैठक में सभी पत्रकारों ने शहर की बिगड़ी यातायात को दुरूस्त करने अपने अपने विचार रखे। इसमें चौक चौराहों से यातायात पुलिस गायब रहती है। चालक अपनी मनमानी करते हुए निकल जाते है। अधिकांश चालक सिग्नलों का पालन नहीं करते। त्यौहारों पर इतवारी, बुधवारी, मोहबे मार्केट, मेन रोड में भारी भीड़ का दवाब रहता है। इस दवाब को कम करने चार विचार विमर्श किया गया। वही कुछ पत्रकारों ने जिले में एक्सीडेंट स्पॉट को लेकर चर्चा की। जिसमें हर्रई, सिल्लेवानी, पांढुर्ना अमलरवाड़ा, सारना सहित अन्य स्पॉट शामिल है। हालांकि सांसद और एसपी ने इन सभी विचारों पर गौर करने को कहा है। हालांकि एसपी श्री खत्री ने जो सुझाव है, उन्हें डायरी में नोट किया है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में यह बैठक कितनी कारगर सिद्ध होती है, या सिर्फ औरपचारिकता बनकर रह जाती है। समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से सांसद विवेक बंटी साहू, एसपी मनीष खत्री, एएसपी अजय राणा, आरआई आशीष तिवारी, सीएसपी अवधेश प्रताप सिंग सहित, भाजपा जिला अध्यक्ष शेषराव यादव, विधायक राजा कमलेश शाह सहित अन्य जनप्रतिनिधि शामिल रहे।
शहर के अधिकांश सिग्नल बंद
शहर के यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए तिराहों और चौराहों में सिग्नल लगाए गए है। सभी सिग्रलों का रख रखाव ठीक ढंग से नहीं हो रहा है। कभी भी बंद हो जाते है। सिग्नलों में टाइमिंग की समस्या बनी हुई है। फव्वारा चौक और ईएलसी चौक के सिग्नल हमेशा बंद रहते है। जबकि इसके लिए लाखों रूपए हर साल खर्च किए जाते है।
दुर्घटना रोकने करें उपाए
जिले भर में एक दर्जन से अधिक ऐसे स्पॉट है। जहां आए दिन दुर्घटनाओं में चालकों की मौतें हो रही है या घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे है। ऐसे स्पॉटों को चिन्हित कर यहां लैंस लगाए जाएं। वही वाहनों की गति पर नियंत्रण किया जाए। वही शहर में नाबालिग वाहन चला रहे है। बगैर रजिस्टे्रशन के वाहन चल रहे है। नियमों को उल्लघंन कर रहे है। ऐसे चालकों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाए।
शहर का वन-वे यातायात व्यवस्था हो
समीक्षा बैठक में जिस तरह से पत्रकारों से यातायात व्यवस्था को लेकर अपने अपने सुझाव रखे। पुलिस महकमे को इन सुक्षावों पर गौर करन व्यवस्था बनाना चाहिए। वही शहर की व्यवस्था को सुचारू करने वन मार्ग का पालन किया जाए। मुख्य मार्ग से जितनी भी गलियां जुड़ी है। उन गलियों को बंद किया जाए। सबसे अधिक परेशानी इन्ही गलियों को होती है।
गौतस्करी पर लगे लगाम
जिले के माहुलझिर, अमरवाड़ा, चांद और मोहखेड़ सहित कुछ थाने ऐसे है। जहां से सबसे अधिक गौ-वंश की तस्करी होती है। पुलिस इस तस्करी पर लगाम लगाने आए दिन कार्रवाई कर रही है, लेकिन रोक नहीं पा रही है। जबकि गौ-माता को हिन्दूओं में सबसे अधिक पूज्नीय है। इसके बाद जिले से भारी मात्रा में गौ-वंश बूचड़ खाने तक पहुंच रहा है।
नशीले पदार्थों पर पुलिस का नहीं अंकुश
समीक्षा बैठक में नशीले पदार्थों पर चर्चा की गई। जिसमें शहर में शराब गली गली बिक रही है। वही गांजा, चरस और अन्य मादक पदार्थ बिक रहे है। इसका नजारा कुछ दिनों पहले हाईप्राफाइल परिवारों के युवाओं की पार्टियों में देखने मिला है। शहर के युवाओं को आसानी से उपलब्ध हो रहे है। ऐसे में शहर नशे की गिरफ्त में है। पुलिस का इन अपराधों पर अंकुश नहीं है। इन व्यवस्थाओं को सुधारने अपराधियों पर नकेल कसनी होगी।