Home CITY NEWS नाप-तौल विभाग में मची खुली लूट:नाप-तौल निरीक्षक के जगह ठेकेदार बने अधिकारी!

नाप-तौल विभाग में मची खुली लूट:नाप-तौल निरीक्षक के जगह ठेकेदार बने अधिकारी!

हर नाप-तौल उपकरणों में बताया जा रहा है 40 से 100 ग्राम का अंतर

छिंदवाडा।जिले में हमेशा सुर्खियों में रहने वाला नापतौल विभाग इस बार फिर नए मामले को लेकर सुर्खियों में है। व्यापारियों से नापतौल कांटे के नाम पर अवैध राशि वसूलने के मामला सामने आया है। नापतोल कांटो की जांच के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। आदिवासी अंचलों में नापतोल विभाग डर और धैस जमा कर व्यापारियों से खुली लूट की जा रही है। व्यापारियों को बाकायदा ₹550 रसीद दी जा रही है। प्रत्येक व्यापारी का कांटा खराब बताकर मरम्मत के नाम पर ₹350 की अवैध रूप से वसूली की जा रही है। जबकि इलेक्ट्रॉनिक कांटे में सत्यापन शुल्क सिर्फ ₹200 ही रसीद में लिखा जा रहा है टोटल मिलाकर नापतोल विभाग के ठेकेदार ₹550 वसूल रहे हैं। व्यापारी ओंकार साहू सहित अन्य व्यापारियों का आरोप है कि खुलेआम तराजू के नाम पर उगाही की जा रही है।

ठेकेदार के नाम की दी जा रही रसीद

आदिवासी अंचल हर्रई में इन दोनों बैस इलेक्ट्रॉनिक की रसीद नापतोल विभाग के नाम पर दी जा रही है जिसमें प्रत्येक तौल उपकरणो की मरम्मत के नाम पर ₹350 अवैध रूप से वसूला जा रहा है जिसमें ₹200 सरकारी फीस के नाम पर वसूला जा रहा है। व्यापारियों ने इस बात की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने की बात कही है।

अधिकारी और ठेकेदार पर उठ रहे सवाल

इस बात को लेकर हर्रई के व्यापारियों में आक्रोश देखा जा रहा है। व्यापारी ओंकार साहू का आरोप हैं क्या सभी व्यापारियों के कांटे खराब हैं या फिर जबरदस्ती बैस इलेक्ट्रॉनिक के संचालक विजेंद्र सिंह बैस के द्वारा जबरदस्ती डरा धमका कर अवैध तरीके से वसूली की जा रही है। इस पूरी खेल में कहीं ना कहीं नाप- तौल निरीक्षक शैलेंद्र सिंह भी संदेह के घेरे में नजर आते दिखाई दे रहे हैं।