Home CITY NEWS प्रह्लाद चरित्र व नरसिंह अवतार की कथा सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

प्रह्लाद चरित्र व नरसिंह अवतार की कथा सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

अग्रणी सामाजिक धार्मिक संस्था संकल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा दशहरा मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन …

प्रह्लाद चरित्र व नरसिंह अवतार की कथा सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

छिंदवाड़ा।शहर के हृदय स्थल दशहरा मैदान पोला ग्राउंड में अग्रणी सामाजिक संस्था संकल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन मथुरा-वृंदावन से आए राष्ट्रीय कथावाचक पंडित श्रद्धा वेद बिहारी जी महाराज ने भक्त प्रह्लाद चरित्र एवं नरसिंह अवतार का प्रसंग सुनाया। श्रीमद् भागवत कथा में काफी बड़ी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु श्रोता व दर्शक मौजूद थे। राष्ट्रीय कथावाचक पंडित वेद बिहारी ने भक्त प्रहलाद चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि, प्रह्लाद चरित्र पुत्र एवं पिता के संबंध को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यदि भक्त सच्चा हो तो विपरीत परिस्थितियां भी उसे भगवान की भक्ति से विमुख नहीं कर सकती। राक्षस प्रवृत्ति के हिरण्यकश्यप जैसे पिता को प्राप्त करने के बावजूद भी प्रह्लाद ने ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी। प्रह्लाद ने बिना भय के हिरण्यकश्यप के यहां रहते हुए ईश्वर की सत्ता को स्वीकार किया और पिता को भी उसकी ओर आने के लिए प्रेरित किया। लेकिन राक्षस प्रवृत्ति के होने के चलते हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद की बात को नहीं माना। ऐसे में भगवान नरसिंह द्वारा उसका संहार किया गया। उसके बाद भी प्रह्लाद ने अपने पुत्र धर्म का निर्वहन किया और अपने पिता की सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।महाराज श्री ने बताया कि श्रीमद् भागवत के पंचम स्कंध के सातवे अध्याय में श्री हरि विष्णु के अनन्य भक्त भरत जी की कथा का वर्णन है, वह मोक्ष के अधिकारी होते हुए भी अपने जीवन के अंतिम क्षणों में एक हिरण के मोह में फंस कर उसमें अपना चित्त लगा बैठे जिसके फलस्वरूप उन्होने अपने अगले जन्म में हिरण की योनि को प्राप्त किया ।
मार्गदर्शक संदीप अग्निहोत्री संस्था अध्यक्ष डॉ चंद्रकांत विश्वकर्मा ने बताया कि संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा दिनांक 13 से 20 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर एक से 5 बजे तक आयोजित की जा रही है आप सभी के सहयोग से संकल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित इस कथा में पहुंचकर आप सभी धर्म लाभ पर लाभ अर्जित करें।