49 साल बाद भी नहीं मिले पट्टे, शासकीय कार्यालयों पर रगड़ रहे नाक, जनसुनवाई में लगाई गुहार
छिंदवाड़ा। प्रदेश के मुखिया गरीब परिवारों के लिए मंच से पट्टा देने का ऐलान कर रहे है। इधर शासन में बैठे शासन के नुमाईदें मुख्यमंत्री की ऐलान का मजाक उड़ाने में लगे हुए है। हर्रई में केंद्र की महत्वकांक्षी योजना इंदिरा आवास योजना के तहत बनाई गई कालोनी के 49 साल बीत जाने के बाद भी रहवासियों को पट्टे जारी नहीं किए गए है। इधर पट्टे के लिए पहुंचे हितग्राहियों को एसडीएम ने कालोनी में बुलडोजर चलवाने की धमकी दे डाली। उनकी धमकी से कालोनीवासी धबरा गए है। इसके बाद कालोनी वासियों ने मंगलवार को जनसुनवाई में आवेदन लगाकर पट्टे बनाने की मांग की है।
आवेदक शिवम ठाकरे ने बताया कि हर्रई के वार्ड क्रमांक 10 में 1985 में इंदिरा आवास योजना के तहत कालोनी बनाई गई थी। कालोनी में तकरीबन 60-70 मकानों में परिवार निवास कर रहे है। सभी परिवार के मुखिया पिछले आठ सालों से पट्टे के लिए भटक रहे है। इस दौरान जिला परिषद, जनपद सीअईओ, तहसीलदार, एसडीएम के चौखट पर नाक रगड़ चुके है। इसके बाद भी उन्हें पट्टा वितरित नहीं किए गए है। आवेदक श्री ठाकरे ने बताया उल्टा अमरवाड़ा एसडीएम ने धमकी भरे अंदाज में बुलडोजर चलाने की धमकी दे डाली। इसके बाद धबराए हितग्राही कलेक्टर की शरण में पहुंचे है। जहां उन्होंने कलेक्टर से पट्टे दिलाने की मांग की है। बता दें कि यह भूमि वन विभाग के छोटे जंगल में आती है। इसका आज तक मद परिवर्तन नहीं हो पाया है। मद परिवर्तन के लिए कालोनीवासी वन अधिकारी के पास भी पहुंचे थे। इसे बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए। पट्टा जारी नहीं होने के कारण कालोनीवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
दस हितग्राहियों को मिला लाभ
इधर इस कालोनी में निवास करने वाले दस परिवार को नगर परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दे दिया है। जबकि अन्य परिवारों को इस योजना से वंचित रखा है। इन परिवारों से पट्टो की मांग की जा रही है। नगर परिषद ने स्पष्ट तौर पर इन परिवारों से कहा है कि पहले पट्टा लेकर आइए। अब सवाल यह उठता है कि इन दस परिवारों को किस आधार पर प्रधानमंत्री योजना का लाभ दिया गया है।
सिंचाई के लिए परेशान हो रहे किसान
छिंदवाड़ा। ग्राम हिवराकला में माचागोरा माइक्रो लिफ्ट योजना के तहत किसानों से फसल की बोवनी करवा दी गई है। अभी तक किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं कराया गया है। अभी तक ठेकेदार इस योजना के तहत काम कर रहा है। जबकि कलेक्टर इस पूरी योजना में कार्रवाई कर चुका है। इसके बाद भी ठेकेदार ने अभी तक काम पूरा नहीं किया है। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। यदि किसानों की फसल में सिंचाई के लिए समय पर पानी नहीं मिला, तो इससे फसल की पैदावार कम होगी। वही पीली पड़ने से खराब हो भी सकती है। खास बात यह है कि जो एम-1 फेस में आने वाले किसानों को मिल रहा है। एम-2 फेस में आने वाले किसानों को पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उन्हें समय पर सिंचाई के पानी उपलब्ध कराया जाए।
दरअसल माचागोरा माइक्रो लिफ्ट एरीकेशन ने शासन की योजना ग्राम हिवरा में एम-1 एम-2 में ठेकेदार पिछले सात आठ वर्षों से कार्य कर रहा है। लघु सीमांत छोटे छोटे किसानों के खेतों तक आधी अधूरी पाइप लाइन डाली गई है। कुछ किसानों को पानी दिया गया है, लेकिन हमारे पास पानी का कोई साधन नहीं है। ठेकेदार के कर्मचारी एआरओ एम-1 एवं एम-2 में बोवनी करवा दी गई है। किसानों के द्वारा बोवनी कर ली गई है। पानी लाईन का ठीक से मरम्मत न होने के कारण एवं आधा अधूरा काम होने के कारण हमारे खेतों तक पानी नही पहुंच रहा है। माचागोरा माइको लिफ्ट एरीकेशन योजना से महज 5 सौ मीटर दूर पानी नहीं मिल पा रहा है। हमारी जमीन सूखी पड़ी है। ग्राम में जो पाइप लाइन डाली गई है। एम-1, एम-2 एवं लोहारा में भी आधी अधूरी पाइप लाइन बिछाई गई है। इससे किसानों को परेशानी हो रही है। शासन का करोड़ो के बजट से बनने वाली माचागोरा लिफ्ट एरीगेशन जैसी महत्वपूर्ण योजना ठेकेदार की गलती से अभी तक नहीं बन पाई है। सबसे बड़ी बात यह है कलेक्टर द्वारा कार्रवाई करने के बाद भी ठेकेदार के काम में कोई सुधार नहीं आया है। इस कारण किसानों को इसकी भरपाई करना पड़ सकती है।
इनका कहना है…
मैंने ऐसी कोई धमकी नहीं दी है। ये बेबुनियाद आरोप है। छोटे झाड़ के जंगल है। इसलिए उन्हें एनओसी नहीं मिल पाई है।
देवकरण धुर्वे, एसडीएम अमरवाड़ा