Home CITY NEWS दोषी ही कर रहे खुद के गबन और भ्रष्टाचार की जांच

दोषी ही कर रहे खुद के गबन और भ्रष्टाचार की जांच

जांच में एक मामला उजाकर कर अन्य मामले दबा दिए, बगैर काम किए निकाले थे 1 लाख 76 हजार

छिंदवाड़ा। विकास खंड मोहखेड़ भ्रष्टाचार को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहता है। यहां पंचायतों में किए जा रहे निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। सचिव सरपंच की संलिप्तता खुलकर सामने आ रही है। इसके लिए जनपद पंचायत अधिकारियों की कृपा बरस रही है। ऐसा अधिकारियों की कृपा पात्र से से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया था। जिसमें तकरीबन आधा दर्जन भ्रष्टाचार किए। जब जिला पंचायत ने इन भ्रष्टाचार जांच दल का गठन किया गया, तो इस दल में ऐसे अधिकारियों को शामिल किया, जो खुद भ्रष्टाचार में शामिल थे। ऐसे में क्या इन अधिकारियों से भ्रष्टाचार उजागर की उम्मीद कर सकते है। जिला पंचायत द्वारा बनाय गया जांच दल की जांच रिपोर्ट पर सवालिया निशान लग रहे है।  
दरअसल ग्राम पंचायत मोहखेड़ जहां 3 माह पहले भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसमें अनेक मामलों को लेकर पंचायत की शिकायत की गई थी। इसकी जांच जनपद पंचायत सीईओ द्वारा बनाई गई जांच टीम ने पूरी कर जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत को वसूली के लिए भेज दिया है। दरअसल शिकायतकर्ताओ ने मोहखेड़ पंचायत की जांच के लिए 12 बिंदु की शिकायत की थी। इसमें जनपद टीम द्वारा जांच में मात्र 4 बिंदु पर कार्रवाई करते हुए मामले पर पर्दा डालने का काम किया है। जबकि अन्य मामले में सिर्फ अनियमितता लिख कर इतिश्री कर लिया गया। जांच टीम ने मात्र वृक्षारोपण कार्य में हुआ भ्रष्टाचार उजागर किया, बकायाकार्यों को छोड़ दिया गया। जिन अधिकारियों ने जांच की है, वो खुद उक्त कार्य में दोषी है। उन्हें ही जनपद पंचायत सीईओ ने जांच टीम में शामिल किया जिससे निष्पक्ष जांच संभव नहीं थी। मोहखेड़ पंचायत में नियम विरुद्ध जाकर दूसरी पंचायत सीमा में निमार्ण कार्य किए जाने एवं कम्युनिटी हाल में टीन शेड निर्माण कार्य, शिव मंदिर के पास फर्सीकरण, राम मन्दिर के पास फर्सीकरण कार्य सहित अन्य मामले की जांच में हीलाहवाली कर सरपंच सचिव को अभयदान दिया गया है।  
शिकायत में जिन बिंदुओं की जांच की मांग की थी उसमें मात्र वृक्षारोपण कार्य में वसूली निकाली गई। वही बाकी कार्यों में अनियमितता दर्शा कर मामले को दबाने का काम जनपद पंचायत ने किया है। ऐसा बताया जा रहा है कि यदि जांच में पारदर्शिता वरती जाती तो पंचायत में लगभग 8 लाख रुपए से ऊपर का गबन उजागर हो सकता था। भ्रष्टाचारियों ने फर्जी तरीके से फर्जी खसरा नक्सा लगाकर शासन को चूना लगा कर राशि आहरण किया गया। उक्त मामले को दबा दिया गया। इस मामले में जानकारी के लिए जिला पंचायत अधिकारी अग्रिम कुमार के मोबाइल पर कॉल किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

सचिव को दिया अभयदान

अब सवाल उठ रहे है कि क्या अब जिला पंचायत द्वारा इन कार्यों की जांच की जाएगी या फिर मोहखेड़ पंचायत के सरपंच सचिव को भ्रष्टाचार करने की खूली छूट दी जाएगी। मोहखेड़ पंचायत में भ्रष्टाचार को लेकर जनपद पंचायत सीईओ द्वारा सरपंच सचिव को अभयदान दिया जा रहा है जिस कारण पंचायत द्वारा नियम विरुद्ध निमार्ण कार्य करके राशि आहरण की जा रही है।

जानकारी देने में कर रहे आनाकानी

मोहखेड़ पंचायत में सचिव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल न खुल पाए इसलिए सूचना के अधिकार की जानकारी देने में आनाकानी की जा रही है। जनपद पंचायत में बैठे अधिकारियों द्वारा खुलेआम शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जनपद पंचायत में बैठे अधिकारी ही इस मामले से पर्दा उठाने में पीछे हट रहे है। ऐसे में उनके द्वारा किए गए का भंडाफोड़ हो जाएगा।