300 करोड़ रुपए की जमीन किसान की होगी या जिला प्रशासन की अभी सुनवाई बाकी
उज्जैन। भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शुक्रवार को सेवानिवृत्त होने पर फेयरवेल देकर सुप्रीम कोर्ट से विदाई दी गई। उन्होंने अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक फेयरवेल समारोह में जब विदाई दी गई उस दौरान उज्जैन कोठी महल क्षेत्र की एक जमीन का मसला भी सुप्रीम कोर्ट में पटल पर लगा हुआ था जिस पर सुनवाई नहीं की जा सकी।
सीजीआई डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को अपना आखिरी संदेश भी दिया। प्रधान न्यायाधीश ने न केवल अपने कार्य बल्कि देश की सेवा करने का मौका मिलने के लिए संतुष्टि जाहिर की। साल 2022 के 9 नवंबर को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पदभार संभाला था 10 नवंबर को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है।
यह है विवादित जमीन, जो सुप्रीम कोर्ट में अटकी
दरअसल मप्र के उज्जैन में हरिफाटक मार्ग पर होटल इम्पेरियल के सामने 300 करोड़ की बेशकीमती जमीन है। जो कोठी महल की जमीनों से जुड़ा मामला है। खसरा नम्बर 99/5, 100, 101 से लेकर 121/1 है। इस जमीन के मामले में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को लेकर भी चर्चा का दौर चल पड़ा था कि उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया गया है बाद में सभी चीज स्पष्ट हो गई।
थेटे ने किया चकरघिन्नी
तत्कालीन अपर आयुक्त रमेश कुमार थेटे ने उज्जैन शहर की ऐसी दर्जनों जमीनों को सीलिंग से मुक्त करने की आदेश जारी कर दिए थे। उस दौरान थेटे के इर्द-गिर्द तत्कालीन पटवारी से लेकर कर्मचारियों ने भी खूब चांदी काटी और शहर के किसानों से लेकर बड़ी फर्म के संचालकों से साठगांठ करते हुए उनके आवेदन मंगवा लिए गए और आर्थिक तौर पर स्वाहितों की पूर्ति कर ली गई। मन माफिक आदेश जारी कर दिए गए। तब से लेकर अब तक ऐसी जमीनों के मालिक, कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने को मजबूर है। जिनका जवाब जिला प्रशासन को भी देना पड़ रहा है। कई जमीन तो है तो ऐसी है जहां पर लाखों करोड़ों रुपए से विकास कार्य कर लिए गए हैं और अब यह मसला फिर उलझ गया है।
हाई कोर्ट से पहुंची सुनवाई सुप्रीम कोर्ट
नवभारत की पड़ताल में सामने आया कि नानाखेड़ा क्षेत्र की इस जमीन का मसला पहले हाई कोर्ट में चल रहा था। बाद में किसी गुलाब प्रजापति और अन्य के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई जिसमें जिला प्रशासन उज्जैन को भी अपना पक्ष रखना है। एसडीएम एलएन गर्ग इस मामले को लेकर दिल्ली भी पहुंचे, वहां पर मामले की सुनवाई के लिए कैस कोर्ट की पटल पर भी आ गया। उधर सीजेआई रहे चंद्रचूड़ की विदाई समारोह के आयोजन में सुनवाई टल गई। अब यह पूरा मसला जनवरी फरवरी तक के लिए टल गया है।
आज नए सीजेआई खन्ना करेंगे जॉइन
देश के नए सीजेआई के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। जस्टिस खन्ना सोमवार को शपथ लेंगे। मुख्य न्यायाधीश की फेयरवेल पार्टी में नए सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि जब न्याय के जंगल में एक विशाल पेड़ पीछे हटता है तो पक्षी अपने गीत बंद कर देते हैं। हवा अलग तरह से चलने लगती है अन्य पेड़ खाली जगह को भरने के लिए अपनी जगह बदलते और समायोजित करते हैं। लेकिन जंगल फिर कभी ऐसा नहीं रहेगा। हम इस बदलाव को गहराई से महसूस करेंगे। न्यायालय के बलुआ पत्थर के स्तंभों में भी एक खालीपन गूंजेगा। इस उद्बोधन के बाद सीजेआई रहे चंद्रचूड़ भी भावुक हो पड़े।