अधूरा है सड़क निर्माण , पुलिया और सड़क की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीण हो रहे लामबंद
पांढुर्णा :- तिगांव में बन रही सड़क लगातार विवादों से घिरी हुई है। ग्राम तिगांव के बीच से गुजरने वाली मुख्य सड़क दशकों बाद बन रही है। क्योंकि अब तक यह सड़क लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे में से किसके अधिपत्य में है यही तय नहीं हो पा रहा था। लेकिन उक्त सड़क के हस्तांतरण के संबंध में दस्तावेज निकालने के बाद लोक निर्माण विभाग ने इस रोड को बड चिचोली की आंतरिक सड़क और टूटी पुलिया के साथ स्वीकृत किया। तिगांव के बुद्धिजीवियों के अलावा बड़चीचोली के लोगो का आंदोलन और संघर्ष भी इन कार्यों की स्वीकृति के पीछे बड़ा कारण रहे है। इतने संघर्ष और मेहनत के बाद तिगांव की आंतरिक सड़क स्वीकृत हुई, लेकिन निर्माण की शुरुआत से ही यह सड़क गुणवत्ता और मापदंडों को लेकर सुर्खियों में रही है। शुरुआत में ही ग्रामीणों के द्वारा स्थानीय वरिष्ठ अधिकारियों को और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इस कारण ठेकेदार लगातार मनमाने तरीके से सड़क का निर्माण कार्य करता रहा , ग्रामीणों के अनुसार सड़क के निर्माण में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग ठेकेदार ने नही किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क ठेकेदार द्वारा देर रात तक चोरी छुपे मनमाने तरीके से सड़क का निर्माण कार्य किया गया। वही पुलिया के निर्माण में केवल 8 एमएम की सलाखें और सीमेंट के साथ क्रेशर की डस्ट खुलेआम मिलाई गई। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मौके पर आकर देखा लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। सड़क अभी बन ही रही है। इसके बावजूद जगह-जगह बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढे सड़क में साफ नजर आ रहे हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क की गुणवत्ता कितनी मजबूत होगी। विवादित पुलिया के आजू-बाजू का सड़क का हिस्सा अधूरा छोड़ दिया गया है , जहां दोपहिया वाहन भी ठीक तरीके से नहीं चल पा रहे हैं। निश्चित रूप से सड़क की दोबारा कोटिंग होनी चाहिए, अधूरा निर्माणकार्य पूरा होना चाहिए और पुलिया की भी जांच निश्चित रूप से होनी चाहिए। आने वाले समय में निश्चित ही यह मामला सुर्खियों में रहेगा।