डीजल डालकर शव जलाने से हो रही दुर्दशा, कर्मचारी मांग रहे शव जलाने के 3 सौ रुपए
छिदंवाडा। कहते है जीते जी दुनिया में कहीं सुकून नहीं है। मरने के बाद ही मोक्षधाम में सुकून मिलता है, लेकिन मरने के बाद भी सुकून नहीं मिल रहा है। हालात यह है कि मोक्षधाम में लकडिय़ा खत्म होने के बाद शव को डीजल से जलाया जा रहा है। इससे शवों की दुर्दशा हो रही है। इस दुदर्शा को देखते हुए नगर निगम अध्यक्ष सोनू मागो ने गुरूवार को शहर की सडक़ों पर उतकर दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ भीख मांगकर कुछ पैसे एकत्रित कर नगर निगम को दिए है। जिससे शवों को अंतिम संस्कार किया जा सके। वही उन्होंने शहर वासियों से अंतिम संस्कार के लिए लकडिय़ां खरीदने में मदद करने अपील की है।
बता दें कि नगर निगम अधिकारी की लापरवाही चरम पर है। पिछले तीन दिनों से मोक्ष धाम में लकडिय़ां खत्म हो चुकी है। शव जलाने के लिए परिजनों को खासी परेशानी झेल रहे है। नगर निगम लकड़ी उपलब्ध नहीं कर पा रहा है। जबकि लकड़ी के लिए बाकायदा मोक्षधाम में रुपए जमा कराए जाते हैं। वही गरीबों को मुफ्त में दी जाने वाली लकड़ी नहीं दी जा रही है। परिजनों को शव जलाने बाहर से लकड़ी खरीद कर लाना पड़ रहा है। हालत यह हो गई कि नगर निगम अध्यक्ष सोनू मागो खुद गुरुवार को दाह संस्कार के लिए सडक़ों पर भीख मांगने उतर गए। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मोक्ष धाम में लकड़ी उपलब्ध कराने में सहायता करें। आम लोगों और दुकानदारों ने सोनू मागो के गुल्लक में पैसे डालकर मदद की। दरअसल मोक्ष धाम में लकड़ी से लेकर कंडे तक उपलब्ध कराने और सभी व्यवस्थाएं करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम इस सुविधा के एवज में लकड़ी से दाह संस्कार करने 3 हजार रुपए और कंडे से दाह संस्कार करने 5 हजार रुपए शुल्क मृतक के परिजनों से लिया जाता है। इतना शुल्क लेने के बाद भी हालत यह है कि पिछले तीन दिन से मोक्षधाम में लकड़ी उपलब्ध नहीं है। लोगों को लकड़ी से दाह संस्कार करने के लिए बाहर से लकड़ी मंगानी पड़ रही है। लकड़ी गीली होने के कारण दाह संस्कार करना मुश्किल हो गया है। मोक्षधाम कर्मी जले हुए डीजन की मदद से शव को जैसे तैसे जला रहे है। ऐसे में कई बार शव अधजला रह जाता है। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी नगर निगम अधिकारियों को नहीं है। इसके बाद निगम अधिकारी अपने चेम्बर में बैठे तमाशबीन सब कुछ देख रहे है। मरने के बाद भी शव की दर्दशा हो रही है।
दस की जगह 3 सौ रूपए मांग रहे कर्मी
शवों को जलाने के लिए नगर निगम 10 रुपए का शुल्क वसूल करता है। जिसकी बाकायदा रसीद काटी जाती है। यहां के कर्मचारी शव के दाह संस्कार में मदद करने के लिए परिजनों से 3 सौ रुपए की मांग करते हैं। जिन परिजनों के पास रुपए होते हैं उन्हें तो 3 सौ रुपए देने में परेशानी नहीं है, लेकिन जिन गरीबों को मोक्ष धाम में निशुल्क लकड़ी देने की योजना है। उन गरीबों पर दोहरा आघात पड़ रहा है। पहले तो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीबों को दाह संस्कार के लिए लकड़ी नहीं दी जा रही और दूसरा कर्मचारी 3 सौ रुपए मांग कर रहे है। जिसके चलते गरीबों को अपने परिजनों का दाह संस्कार करना भी मुश्किल हो गया है।
इनका कहना है…
नगर निगम में समस्या पिछले तीन दिनों से है। जिसकी जानकारी मुझे भी मिली है। बल्कि 3 दिन पहले गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले दो शवों के दाह संस्कार के लिए भी मोक्ष धाम में लकड़ी नहीं थी। बाद में निगम कमिश्नर से आग्रह करने के बाद उन शवों को थोड़ी बहुत लकड़ी उपलब्ध कराई गई। यह समस्या शहर के लिए बड़ी बनती जा रही है। नगर निगम को कम से कम 1 महीने की लकड़ी का स्टॉक मोक्ष धाम में रखना चाहिए। इस तरफ न नेताओं का ध्यान है और न ही अधिकारियों का। जिसके कारण मुझे आज भीख मांगने के लिए निकलना पड़ा। में लोगों से कर अपील कर रहा हूं कि मोक्ष धाम में लकड़ी उपलब्ध कराने में लोगों की सहायता करें। जिससे मृतकों के परिजन अपने प्रिय जनों के शवों का दाह संस्कार ठीक से कर सकें।
धर्मेंद्र सोनू मांगो, नगर निगम अध्यक्ष छिंदवाड़ा