Home CITY NEWS पांढुर्ना में उल्टी दस्त से एक महिला और एक पुरूष की मौत

पांढुर्ना में उल्टी दस्त से एक महिला और एक पुरूष की मौत


अब तक गांव में 34 मरीजों को किया गया भर्ती, मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम


छिंदवाड़ा। पांढुर्णा जिले के बोरपानी गांव में अचानक उल्टी दस्त की बीमारी फैलने से दो लोगों की मौत हो गई है। जिसमें एक महिला और एक पुरूष शामिल है। मौत के बाद गांव सहित स्वास्थ्य महकमे में हडक़ंप मच गया। आनन-फानन में स्वास्थ्य महमके की टीम मौके पर पहुंची है। अभी तक गांव में तकरीबन 34 मरीजों का सिविल अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। दूषित पानी पीने से बीमारी फैलने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि मौके पर पीएचई की टीम पहुंचकर पानी के नमूने लेकर जांच कर रही है।
बता दें कि मंगलवार देर रात करीब गांव में 20 लोगों की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। सभी को उल्टी-दस्त हो रहे थे। रात 2 बजे से सुबह 7 बजे तक मरीजों को सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था। वही इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई। बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे के बाद 16 और लोगों को तबीयत बिगडऩे से भर्ती कराया गया। बीएमओ डॉ. दीपेंद्र सलामे ने बताया, उल्टी-दस्त के कारण देवाची उईके 45 साल और झनका बाई धुर्वे 55 की मौत हो गई। दोपहर 12 बजे तक कुल 34 मरीज भर्ती किए गए है। वही गांव के सभी परिवारों के सदस्यों की जांच की जा रही है। वही पीएचई विभाग के एसडीओ सुभाग गाडग़े ने बताया कि पानी का नमूना लेकर बोर को बंद कर दिया गया है। गांव में साफ-सफाई कर ब्लीचिंग पाउडर छिडक़ाव कराया गया है। साथ ही ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया गया है।

गांव में महज एक बोर

बताया जा रहा है कि बोरपानी में तकरीब 2 सौ घरों की बस्ती है। यहां की जनसंख्या 5 सौ है। गांव में सभी परिवारों को एक बोर से पेयजल की सप्लाई की जाती है। इसी बोर के समीप से एक नाला है। ऐसा माना जा रहा है कि इस नाले के कारण ही बोर का पानी दूषित हुआ है। इस कारण गांव में उल्टी दस्त की बीमारी फैली है। ग्रामीण छोटेलाल धुर्वे ने बताया, गांव के लोग नदी के पास बोर से पानी पीते हैं। कुछ दिन से बोर से कंदला पानी आ रहा है। हो सकता है इसी पानी को पीने के कारण सभी की तबीयत बिगड़ी।

हर घर में बीमारी के मरीज

बताया जा रहा है कि बोर का पानी गांव के सभी परिवार उपयोग करते है। इसी बोर का पानी दूषित होने के कारण ही यह बीमारी फैली है। इस बीमारी ने गांव के हर परिवार को अपनी चपेट में ले लिया है। गांव के सभी परिवार के लोगों की शिविर में जांच कर दवा का वितरण किया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने लगभग बीमारी पर काबू पा लिया है। डाक्टरों को कहना है कि ग्रामीणों को बीमारी से बचने समझाइस दी जा रही है।

इन मरीजों का इलाज चल रहा

फिलहाल शिविर में विवेक जागत राम धुर्वे, छोटेलाल मेरे सिंह धुर्वे, कलावती छोटेलाल धुर्वे, वेदांत रजत उईके, रागिनी अलीराम मर्सकोले, रुचिना रमेश उईके, सायली मेंहबाब धुर्वे, पूजा उईके, अक्षत पिता सुखदेव इवनाती, शांति संदीप धुर्वे, रोहित विजय धुर्वे, रमफू सीताराम धुर्वे, अमीना रमफू, मनीषा वसंता परतेती, मनोज सुखा उइके सहित अन्य लोग शामिल हैं।
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