Home CITY NEWS चूहों के बाद अस्पताल में मधुमक्खियों का आतंक

चूहों के बाद अस्पताल में मधुमक्खियों का आतंक

आधा घंटे मक्खियों ने मचाया तांडव, महिला ने पति की पल्ले से ढक्कर बचाई जान

छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में चूहों के आतंक अभी खत्म नहीं हुआ है। आज दोपहर 12 बजे के लगभग मक्खियों ने अस्पताल परिसर और अस्पताल के अंदर जमकर आतंक मचाया। अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों पर हमला कर दिया। इस हमले में एक दमपति उनकी चपेट में आ गया। महिला ने अपनी सूझबूझ से पति को पल्लू से ढक्कर तकरीबन आधा घंटे बैठी रही। इस बीच एक अस्पताल कर्मी ने हिम्मत जुटाते हुए एक बड़ी पॉलीथिन ओढक़र दमपति के पास गया। उन्हें एक चादर उपलब्ध कराया। इसके बाद महिला ने अपने पति को चादर ओढ़ाकर सुरक्षित मक्खियों के आतंक से बचाया। वही तकरीबन आधा दर्जन से अधिक लोगों पर भी मक्खियों ने हमला किया है। हालांकि इस हमले में लोग ज्यादा घायल नहीं हुए। यदि मक्खियां ज्यादा विफराई होती तो यह घटना विकराल हो सकती थी। बता दें कि अस्पताल के तीसरे मंजिल पर मधुमक्खि का छत्ता लगा हुआ है। आज दोपहर 12 बजे करीब मक्खियां अचानक विफरा गई। उन्होंने एक दमपति सहित आधा दर्जन लोगों पर हमला कर दिया। हालांकि सभी ने यहां वहां भागकर अपने आप को सुरक्षित किया।


प्रबंधन को हटाना होगा छत्ता


बता दें कि तेज गर्मी होने के कारण मक्खियां विफरा जाती है। ऐसे में इस दौरान उनके बीच जो फस जाए। उस पर हमला कर देती है। अस्पताल के तीसरे मंजिल पर आज कुछ इसी तरह का माजरा देखने मिला। हालांकि मक्ख्यिों ने किसी को ज्यादा हताहत नहीं किया। प्रबंधन को इस ओर ध्यान देकर मक्खियों के छत्ते को वहां से हटवाना होगा। भविष्य में बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।

चूहों पकडऩे रखे पिंजरे

अस्पताल में एक वृद्ध मरीज गिरजा मालवी पर दो बार चूहों के हमले के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिसके बाद प्रशासन के निर्देश पर प्रबंधन ने पेस्ट कंट्रोल करवाया है। इसी तरह अब चूहों से बचने के लिए हर महीने पेस्ट कंट्रोल होगा। इसी तरह पूरे अस्पताल में जगह जगह चूहों को पकडऩे पिंजरे भी रखे जा रहे है। प्रबंधन ने तकरीबन पचास पिंजरे रखवाए है। अभी तक इन पिंजरों में एक भी चूहा कैद नहीं हुआ है। ऐसा लग रहा है चूहे अस्पताल प्रबंधन से ज्यादा समझादार दिखाई दे रहे है।

जगह जगह लगे मधुमक्खियों के छत्ते

शहर में अस्पताल के सार्वजनिक जगहों में जहां लोग सैंकड़ों की संख्या में आवाजाही करते है। ऐसे स्थानों में अस्पताल के अलावा कलेक्ट्रेट, रेलवेस्टेशन, पानी की टक्किंया, पार्क नगर निगम के आसपास जहां तहां मधुमक्खियों के छत्ते लगे हुए है। जो गर्मी के कारण अपने आप विफरा जाती है। समय रहते हुए प्रशासन ने इन्हें नहीं हटवाया तो कभी बड़ा हादसा हो सकता है। मक्खियों के हमले में जान भी जा सकती है।

आधा दर्जन से अधिक हमले

पिछले एक महीने की बात की जाए तो शहर सहित जिले भर में मक्खियों के हमले के आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आए है। जहां मक्खियों के हमले में बाद जिला अस्पताल में उनका इलाज किया गया है। इनमें चार से पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। वही इन हमलों में अभी पिछले दो से तीन सालों में दो से तीन जानें जा चुकी है।