मकान मालिक और ठेकेदार पर होगा मामला दर्ज, पुलिस कर रही मामले की जांच
छिंदवाड़ा।कोतवाली थाना क्षेत्र के चंदनगांव वाटर सप्लाई रोड के समीप बजरंग नगर जाने वाले मार्ग पर स्थित मकान की पांचवी मंजिल में लेंटर डालते समय एक युवक की गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गया। युवक के गिरते ही मजदूरों में हडक़ंप मच गया। उसके जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि युवक लिफ्ट से ऊपर पहुंचा था कि उस दौरान यह हादसा हुआ है।
कोतवाली एसआई नारायण सिंह बघेल से मिली जानकारी अनुसार बलराम विश्वकर्मा लालबाग निवासी का वाटर सप्लाई रोड से बजरंग नगर जाने वाले मार्ग पर पांच मंजिला फैक्ट्री का निर्माण करवा रहा है। इस निर्माण कार्य में जामुनझिरी निवासी अमन पिता मनोज उइके उम्र 19 साल मजदूरी का काम कर रहा था। रविवार की रात वह पांचवी मंजिल पर लेंटर डालने का काम कर रहा था। इस दौरान वह लिफ्ट से पांचवी मंजिल पर जा रहा था। पांचवी मंजिल पर पहुंचते ही वह छत पर उतरते समय अचानक अनियंत्रित होकर सीधा जमीन पर आ गिरा। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ठेकेदार और अन्य मजदूरों की मदद से उसे तत्काल जिला अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान रात एक बजे के करीब उसने दम तोड़ दिया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। खबर लिखे जाने तक शिकायत दर्ज नहीं हुई थी। इस मामले में पुलिस ने बताया कि इस मामले में दस्तावेज की जांच की जाएगी। अधूरे दस्तावेज पाए जाने पर मकान मालिक और ठेकेदार पर मामला दर्ज किया जाएगा।
नक्शे के विपरीत हो रहा निर्माण कार्य
बता दें कि फैक्ट्री के निर्माण के पूर्व नगर निगम से नक्शा स्वीकृत करवाया जाता है। उसी नक्शे के आधार पर मकान निर्माण कार्य करवाया जाता है। ऐसा बताया जा रहा है कि मकान मालिक नक्शे के विपरीत निर्माण कार्य करवा जा रहा था। इस मामले में मकान मालिक को नोटिस भी दिया जा चुका था। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस मामले में पहले छानबीन की जाएगी। तभी इस बात का पता चल पाएगा कि निर्माण कार्य नक्शे के विपरीत हो रहा था।
सुरक्षा के नहीं थे पुख्ता इंतजाम
दरअसल नियम के मुताबिक मकान निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार सुरक्षा के लिए बूट, दस्ताने हैलमेट इत्यादी के पुख्ता इंतजाम किए जाते है। यदि एक मंजिल से अधिक मकान निर्माण के दौरान निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों की सुरक्षा के लिए उनके नीचे जाली लगाई जाती है, सेफ्टी बेल्ट इत्यादी दिए जाते है। इससे यदि कोई धोखा हो तो मजदूर जाली में आकर फंस जाए या कमर में पहने हुए सेफ्टी बेल्ट से लटक जाए। इससे मजदूरों की जान की सुरक्षा होती है, लेकिन यहां मूजदूरों को कोई सुविधा नहीं दी गई है। यदि जाली भी होती तो शायद युवक की जान बच सकती थी।