15 दिन बाद भाजपा से कांग्रेज़ में वापसी, अब फिर भाजपा में जाने की अटकलें
छिंदवाडा।छिंदवाडा की राजनीति ने फिर एक बार इतिहास की राजनीति के आया राम गया राम की यादें ताजा कर दी है। राजनीतिक।दलों को कपड़ो की तरह बदल रहे है। इस दलबल ने सालों पुरानी यादें ताजा कर दी है। हरियाणा राज्य के पलवल जिले की हसनपुर सीट के विधायक गया लाल ने 9 घंटे में 3 बार पार्टी बदली थी। जिसके बाद उनका नाम आया राम गया राम हो गया। उसी समय से यह कहावत भी बन गई। कुछ इसी तरह की हलचल छिंदवाडा की राजनीति में देखने मिल रही है।
लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस महापौर विक्रम आहाके ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव की रीति नीति से प्रभावित होकर यह कदम उठाया है। छिड़वाड़ा के विकास को नई गति देना है जो अब कांग्रेस में संभव नहीं है। इसके बाद महापौर ने भाजपा के मंच भी साझा किए। मतदान के ऐंन मौके पर उन्होंने फिर पाला बदल लिया।भाजपा छोड़ कांग्रेस में आ गए। एक वीडियो जारी कर कहा जिन्होंने मुंझे इस ऊंचाई तक पहुंचाया, में उन्हें नहीं छोड़ सकता, जो कुछ भी हूं आज उनक़ी बदौलत हूं। उनके विकास के साथ हूं। में जब से भाजपा में गया अंदर ही अंदर घुट रहा था। इसलिए छिंदवाडा की जनता से अपील है नकुलनाथ को वोट करे।इस तरह 15 दिन में फिर कांग्रेस में आ गए। हांलाकि कमलनाथ ने अभी तक हरीझंडी नहीं दी है। चुनाव के बाद देखेंगे, ऐसा कहकर टाल दिया है। अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा चल रही है कि महापौर फिर कांग्रेस में जाने के 2 दिन बाद भाजपा में वापसी चाहते है। वे कुछ भाजपा नेताओं से संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे है। इसके लिए कुछ भाजपा नेताओं से जुगत लगा रहे है। लेकिन अब उनकी हालात आया राम गया राम जैसी हो गई है। ना वो इधर के रहे न वो उधर के रहे। ऐसे में महापौर विक्रम आहाके का राजनीतिक भविष्य चौपट होता दिखाई दे रहा है।
एक और नेता सदमे में…
इधर महापौर के बाद कांग्रेस के एक और नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए है। उन्होंने भाई के कारण भाजपा ज्वाइन तो कर ली। चुनाव भी करवा दिया। अब सूत्रों से पता चला है वे सदमे में। वे अपने ही घर मे ऐसा कह रहे है। मुंह तुम लोगों ने भाजपा में जाने से क्यों नहीं रोका। शायद कांग्रेस का दर्द उबर आया है।
अभी ऐसा कुछ नहीं है…
जब इस मामले में महापौर विक्रम आहाके से बात की गई तो उन्होंने बताया अभी में पूजा पाठ में लगा हूँ, अभी ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा कि वे कांग्रेस में बने रहेंगे या भाजपा में फिर वापस होंगे। बिल्कुल लोकसभा चुनाव के पहले कमलनाथ ने भी भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर कुछ इसी तरह गोलमोल जवाब दिया था।