पोस्टमार्टम के लिए टेबल पर पड़े रहते हैं शव, एक दूसरे पर टालते है डाक्टर
छिंदवाड़ा।छिंदवाड़ा का पांच मंजिला मेडिकल संबद्ध जिला अस्पताल महज दिखावा साबित हो रहा है। जिंदा इंसान को छोड़ों मरने के बाद भी सुविधाएं नसीब नहीं हो रही है। जिला अस्पताल के मरच्यूरी में टीन शेड में शव झुलस रहे है। इघर पोस्टमार्टम करवाने परिजन डाक्टरों के चक्कर पर चक्कर काटते नजर आते है। वही डाक्टर भी एक दूसरे पर टाला मटौली करते रहते है। इस तरह शव टीन शेड की तपन में झुलसते रहता है।
जानकारी अनुसार रात में एक्सीडेंट के बाद एक शव को मरच्ूयरी में रख दिया गया था। सुबह उस शव का पोस्टमार्टम होना था। इधर शव मरच्ूयरी में स्टील की टेबल पर रखा हुआ था। सुबह से परिजन शव के पोस्टमार्टम के लिए डाक्टरों और चौकी के चक्कर काट रहे थे। शव का चीर फाड़ करने वाले कर्मचारी और पुलिस डाक्टरों के चक्कर काट रहे थे। इमरजेंसी ड्यूटी डाक्टर ने दो टूक शब्दों में कह दिया क एक बजे जो डाक्टर आएंगे, वह शव का पोस्टमार्टम करेंगे। इस तरह परिजनों और कर्मचारियों को डाक्टरों के कारण तीन चार घंटे देरी से पोस्टमार्टम करना पड़ा। इस बीच शव स्टील की टेबल पर पड़ा पड़ा टीन शेड की गर्मी में झुलसते रहा। इस तरह ये एक शव की कहानी नहीं और भी शव इसी तरह झुलसते रहते है। बहुत ही कम डाक्टर है जो समय पर पोस्टमार्टम कर देते है। अधिकांश डाक्टर बस एक दूसरे पर टालते नजर आते है।
फ्रीजर में नहीं रखते शव
मरच्यूरी में शव को रखने के लिए दो फ्रीजर रखे गए है। इसमें एक फ्रीजर खराब हो गया है। वही दूसरा फ्रीजर चालू है। जो भी दुर्घटना वाले शव होते है उन्हें फ्रीजर में रखा जाता है। इससे शव सुरक्षित रहता है, लेकिन शव खुले में टेबल पर रख दिए जाते है। इससे टीन शेड की तपन से शव झुलसते रहता है।
आए दिन होते है विवाद
इधर मरीजों की इलाज की बात हो या शव के पोस्टमार्टम की, दोनों की स्थिति में डाक्टरों से बगैर तू-तू मैं-मै के कोई काम नहीं होते। ऐसा नहीं है कि इस मामले में शिकायत नहीं होती। शिकायत होने के बाद संबंधित अधिकारी डाक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं करते। इधर अधिकांश डाक्टर या निजी अस्पतालों में अपनी ड्यूटी बजा रहे है, या अपने निजी क्लिीनिकों में मरीजों का इलाज करते नजर आते है।
क्या कहना है…
मेरे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई, शिकायत आती तो मैं तत्काल पोस्टमार्टम करवाता। दूसरी बात शव को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर है। उनका उपयोग होना चाहिए। इसके लिए कर्मचारियों को हिदायद दी जाएगी।
एम के सोनिया,
सिविल सर्जन जिला अस्पताल